महत्वपूर्ण मुहारवे एवं लोकोक्तियाँ
महत्वपूर्ण मुहारवे एवं लोकोक्तियाँ
1. एक म्यान में दो तलवार -एक वस्तु के स्थान पर दो रखने की चेष्टा करना।
वाक्य प्रयोग - स्पष्ट बताओ तुम मेरा साथ दोगे या मेरे दुश्मन का ?क्योंकि एक म्यान में दो तलवारें नहीं रह सकती है।
2. एकै साधे सब सधे ,सब साधे सब जाय -एक साथ कई काम करने से किसी में भी सफलता नहीं मिलती है।
वाक्य प्रयोग -रमेश बेटा !तुम यहाँ पढ़ने आये हो तो सिर्फ पढ़ो। यदि नेतागीरी ,समाजसेवा और ठेकेदारी करोगे तो हर काम में असफल रहोगे। क्योकि एकै साधे सब साधे सब जाय।
3. एक तो चोरी ,दूसरे सीनाजोरी -गलती भी करे और धमकी भी दे।
वाक्य प्रयोग -पंकज ने मेरी जेब से पांच हजार रूपये निकाल लिया ,ऊपर से धमकी भी दिया की यदि मै इसे किसी को बताऊंगा तो वह मेरी स्कूटर छीन लेगा। उस पर यह लोकोक्ति सत्य चरितार्थ होती है कि एक तो चोरी दूसरे सीनचोरी।
4. अपनी करनी पार उतरनी -स्वयं के प्रयास से ही सफलता मिलती है।
वाक्य प्रयोग -अपने बल बुते पर ही लोग सफलता की सीढ़ियों पर चढ़ते है। अपनी करनी पार उतरनी पर विश्वास करो और सहायता के लिए दुसरो की तरफ न देखो।
5. आँखों का तारा होना -बहुत प्रिय होना।
वाक्य प्रयोग -सावित्री ने अपने बेटे से कहा ,"बेटा !तुम तो मेरी आँखों का तारा हो। "तुम्हे अपने से दूर कैसे जाने दूँ।
6. आप भला तो जग भला -अच्छे व्यक्ति की द्रष्टि में सब अच्छे होते है।
वाक्य प्रयोग -दूसरों की चिंता छोड़ पहले अपना कल्याण करो। तुम्हारा कल्याण होगा तो सबका होगा क्योंकि आप भला तप जग भला।
7. ओछे की प्रीति बालू की भीत -नीच की मित्रता टिकाऊ नहीं होती।
वाक्य प्रयोग -निकम्मे मोहन ने मास्टर साहब से मित्रता गांठी फिर उनका शत्रु बन गया। सत्य है ओछे की प्रीति बालू की भीत होती है।
8. आये थे हरि भजन को ओटन लगे कपास -मूल कार्य छोड़कर अन्य कार्य में लग जाना।
वाक्य प्रयोग -आदित्य अध्ययन के लिए इलाहाबाद आया था ,किन्तु पढ़ाई छोड़कर अब वह ठेकेदारी करने लगा है। सच कहा गया है कि आये थे हरिभजन को ओटन लगे कपास।
9. आसमान से गिरा खजूर पर अटका -एक विपत्ति से छूटकर दूसरी में उलझना।
वाक्य प्रयोग -रमेश दूसरी बार बोर्ड परीक्षा में उत्तीर्ण होने लिए पर्याप्त अंक प्राप्त किये है ,किन्तु नकल आरोप में परीक्षाफल रोका गया है। बेचारे का वही हाल है की आसमान से गिरा खजूर पर अटक गया।
10. अंधे की लकड़ी होना -एकमात्र सहारा होना।
वाक्य प्रयोग -श्रवण कुमार के वध की सूचना पाते ही उसके माता -पिता विलख -विलख क्र रोने लगे। उनके लिए तो वह अंधे की लकड़ी था।
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