भारतीय किसान पर निबंध

              भारतीय किसान पर निबंध

रुपरेखा -प्रस्तावना ,किसानो की हालत,किसानो पर निर्भरता ,देश के अर्थव्यवस्था में योगदान ,किसानो की समस्याएँ ,किसानो की समस्याओ को दूर करने के उपाय ,सरकार के द्वारा किसानो के जीवन स्तर में सुधार हेतु किये गए प्रयास ,उपसंहार 

प्रस्तावना 

भारत एक कृषि प्रधान देश है हमारे देश की 75 %जनसंख्या कृषि पर निर्भर है त्याग और तपस्या का दूसरा नाम किसान है। वह जीवन भर मिट्टी से सोना उत्प्नन करने की तपस्या करता रहता है। एक कहावत है कि भारत की आत्मा किसान है जो गाँवो में निवास करते है किसान हमे खद्यान्न देने के आलावा भारतीय संस्कृति और सभ्यता को सहेज कर रखे हुए है किसान की कृषि ही शक्ति है और यही भक्ति है एक कृषक राष्ट्र की आत्मा होता है हमारे  दिगवंत राष्ट्रपति श्री लाल बहादुर शास्त्री ने नारा दिया था 'जय जवान जय किसान 'उन्होंने कहा था कि कृषक राष्ट्र का अन्नदाता। उसी पर कृषि उत्पादन निर्भर करता है। 

किसानो का हालत 
भारतीय किसानो की हालत अत्यंत दयनीय है 50 %से अधिक किसान जमीदारो ,पूँजीपतियों ,साहूकारों के आर्थिक शोषण का शिकार है। 
ऋणग्रसस्ता ने उन्हें गरीबी के मुँह में धकेल दिया है। जमीदारो के कर्ज के बोझ के तले दबा हुआ उसका जीवन कभी अकाल ,तो कभी महामारी तो कभी बाढ़ या सूखे की चपेट में आ जाता है ऐसी स्थिति में उसे असमय ही मृत्युवरण करने को विवश होना पड़ता ही कर्ज के बोझ तले दबा हुआ उसका जीवन बधुआ मजदूरों से कम नहीं  होता है सच कहा  जाये तो वह  कर्ज में जन्म लेता है और कर्ज में ही मर जाता है
भारतीय किसान का जीवन तो करुणा का महासागर है स्वयं अन्न उपजाने के बाद भी उसे तथा उसके परिवार को भरपेट खाना नहीं मिल पाता है किसान के लिए कृषि एक जुआ  है। 
  
किसानो पर निर्भरता 
देश की पूरी आबादी में किसान एक महत्वपूर्ण व्यक्ति है किसान को देश की रीढ़ की हड्डी कहा   जाता है जिसकी वजह से हम सभी सब अपना जीवन जी रहे है इस दुनिया में चाहे कोई भी देश हो। चाहे वो एक विकसित देश हो या विकसनशील देश या फिर एक गरीब देश हो। पूरी दुनिया में हर एक देश में किसान एक सबसे महत्वपूर्ण व्यक्ति होता है। क्योकि किसान की वजह से हमे भोजन प्राप्त  है  जिसके सहारे हम अपना जीवन जीते है। इस तरह एक किसान पूरी दुनिया में सबसे महत्वपूर्ण लोगो में से एक है। जिनके ऊपर पूरी दुनिया निर्भर है। 

देश की अर्थव्यवस्था में योगदान 
देश की अर्थव्यवस्था में भी किसानो का बहुत योगदान है किसानो की वजह से ही अपने भारत देश के अर्थव्यवस्था में करीब 17 %तक योगदान होता है किसानो का यह योगदान भारतीय अर्थव्यवस्था में सभी चीजों के मुकाबले सबसे ज्यादा है। 
इतना योगदान देने के बावजूद भी अपने देश का किसान कई सारी जरूरतों से दूर है। जिस पर सरकार  को  ध्यान देने की आवश्यकता है। 

भारतीय किसानो की समस्याऍ 

1. भूमि पर अधिकार न होना 
 देश में कृषि भूमि के मालिकाना हक को लेकर विवाद सबसे बड़ा है। असमान भूमि वितरण के खिलाफ किसान कई बार आवाज उठाते रहे है जमीनों का एक बड़ा हिस्सा बड़े किसानो महाजनो और साहूकारों के पास है। जिस पर छोटे -छोटे किसान काम करते है ऐसे में अगर फसल अच्छी नहीं होती तो छोटे किसान कर्ज में डूब जाते है।

2. मशीनीकरण का आभाव   
कृषि के क्षेत्र में अब मशीनों का प्रयोग अब बड़े पैमाने  होने लगा है। परन्तु कुछ इलाके  है जहा आज भी किसान मशीनों का प्रयोग नहीं करते है वे कृषि  पारम्परिक तरीको का इस्तेमाल करते है। इसका असर कृषि उत्पादों की गुणवत्ता और लागत पर साफ नजर आता है। 

3. भण्डारण सुविधाओं का आभाव 
भारत के ग्रामीण इलाकों में अच्छे भंडारण की सुविधाओं की कमी है ऐसे में किसानो पर जल्द -जल्द फसल का सौदा करने का दबाव होता है जिससे उन्हें फसल का  सही दाम नहीं मिल पाता। 

4. परिवहन की एक बाधा 
भारतीय कृषि की तरक्की में एक बड़ी बाधा अच्छा परिवहन व्यवस्था की कमी भी है। आज भी देश के कई गाँव और केंद्र ऐसे है जो बाजारों और शहरो से नहीं जुड़े है ऐसे में ,किसान स्थानीय बाजारों में ही कम मूल्य पर सामान बेच देते है। 

5. फसल पर सही मूल्य न मिलना 
किसानो की एक बड़ी समस्या यह भी है कि उन्हें फसल पर सही मूल्य नहीं मिलता। वही किसानो को अपना माल बेचने के तमाम कागजी कार्यवाही भी पूरी करनी पड़ती है ऐसे में कई बार कम पढ़े -लिखे किसान औने -पौने दामों पर अपना माल बेचने के लिए मजबूर हो जाते है।
 
6. सिंचाई सुविधाओं का आभाव 
भारत में सिंचित क्षेत्र केवल 40 % है। असिंचित क्षेत्रो में किसान अपनी भूमि में एक ही फसल उगा पाते है ,जिस कारण भारतीय कृषि की उत्पादकता बहुत कम है।
 
7. उत्तम बीज व खाद का आभाव  
किसानो को उत्तम बीज व खाद न मिल  पाना भी एक बहुत बड़ी समस्या है जिससे इसका सीधा अगर कृषि उत्पाद पर पड़ता है उत्तम बीज के आभाव में फसल का उत्पाद अच्छा नहीं होता है। 

किसानो की समस्याओ को दूर करने के उपाय 

किसानो की समस्याओ को दूर करने के उपाय निम्न है।  

1. सरकार को कृषको को अच्छे नस्ल के बीज और नई तकनीकी मशीने सस्ते दामों पर उपलब्ध करानी चाहिए। 
2. बाजार में न्यूनतम धनराशि नियुक्त कर देनी चाहिए सरकार को जिससे किसान की लागत निकल आए। 
3. आज इस बात की आवश्यकता है कि भारतीय कृषको को नए व आधुनिक कृषि यंत्रो से अवगत कराया जाए तथा उन्नत प्रजातियों के बीज से अवगत कराया जाए। 
4. शिक्षा के प्रसार प्रचार द्वारा किसानो के द्रष्टिकोण में परिवर्तन किया जाए। 
5. सरकार को सिचाई का उचित प्रबंध करना चाहिए। 
6. कृषि पर भारत की निर्भरता और जलवायु -प्रेरित आपदाओं को देखते हुए देशभर में भारतीय कृषि अनुसन्धान परिषद की 'क्लाइमेट स्मार्ट विलेज ' की अवधारणा के कार्यान्वयन का विस्तार किया जाना चाहिए। 
7. भूमि प्रबंधन व फसल प्रबंधन की एक राष्ट्रीय नीति होनी चाहिए।
8. ग्रामीण क्षेत्रो में बैंकिंग -सुविधाओं का विस्तार किया जाना चाहिए तथा ऋण की व्यवस्था होनी चाहिए।  

सरकार द्वारा  किसानो के जीवन स्तर में सुधार हेतु किये प्रयास
 
सरकार द्वारा किसानो  जीवन स्तर में सुधार हेतु किये प्रयास निम्न है। 
1. राष्ट्रीय कृषक आयोग की सिफारिशों के आधार पर ही केंद्र सरकार ने राष्ट्रीय कृषक नीति 2007 की घोषणा की थी। इसमें किसानो के कल्याण तथा कृषि के विकास पर जोर दिया गया। तथा राज्यों में भी किसान आयोग के गठन तथा एग्रीकल्चर रिस्क फंड की स्थापना स्थानीय शासन को कृषि सम्बन्धी अधिकार देने की बात की गई। 
2. किसानों की एक और यह समस्या यह थी की उनको आधुनिक कृषि से सम्बंधित जानकारी नहीं थी पता नहीं तकनीक का ज्ञान। इसलिए 2004 में किसान काल सेंटर की स्थापना की गयी है जिसके माध्यम से देश के किसान 1551 नंबर डायल कर कृषि से सम्बंधित विभिन्न जानकारिया प्राप्त कर  सकते है। 
3. कृषि से सम्बंधित सूचनाओं का प्रसार करने हेतु कृषि चैनल  शुरुआत भी की गई है। 
4. किसानो की आर्थिक दशा में सुधार लाने में महानरेगा की भी अहम भूमिका है।   
5. वर्तमान मोदी सरकार द्वारा फरवरी 2019 को लागू की गई पी. एम. किसान योजना किसानो के लिए वरदान साबित हो रही है इस योजना में किसानो को आर्थिक सहायता प्रदान की जा रही है। 
6. कृषि से सम्बंधित पूर्व में संचलित पी. एम. फसल योजना का प्रमुख उद्देश्य फसलों की उत्पादन लागत को कम करना है इसके आलावा जैविक कृषि को बढ़ावा देने के लिए पम्परागत कृषि विकास योजना का संचालन भी किया जा रहा है। 
उपसंहार 
यह बात निः संदेह रूप से सच है कि भारतीय किसान एक मेहनतकश किसान है। प्रकृति तथा परिस्तिथियों की विषमताओं से जूझने की अच्छी क्षमता उसमे विध्यमान है आधुनिक वैज्ञानिक साधनो को अपनाकर वह खेती करने के अनेक तरीके सीख रहा है। 
पहले की तुलना में वह अब अधिक अन्न उत्पादन करने लगा है। शिक्षा के माध्यम से उसमे काफी जागरूकता आ गयी है। वह अपने अधिकारों के प्रति सजग होने लगा है। देश की प्रगति एवं विकास में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाहने वाला भारतीय किसान अर्थव्यवस्था का मुख्य आधार स्तम्भ है। उसकी मेहनतकश जिंदगी को सारा देश नमन करता है सच कहा जाये भारतीय किसान एक महान किसान है महान इंसान है। 

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