मगध राज्य के विषय में जानकारी
मगध राज्य के विषय में जानकारी
1.मगध के सबसे प्राचीन वंश के संस्थापक बृहद्रथ था | इसकी राजधानी गिरिब्रज (राजगृह ) थी |जरासंघ बृहद्रथ का पुत्र था |
2. हर्यक वंश के संस्थापक बिम्बिसार मगध की गद्दी पर 544ईसा पूर्व (बौध्द ग्रंथो के अनुसार ) में बैठा था | वह बौद्ध धर्म का अनुयायी था | यह प्रथम भारतीय राजा था जिसने प्रशासनिक व्यवस्था पर बल दिया |
3. बिम्बिसार ने ब्रह्मदत्त को हराकर अंग राज्य को मगध में मिला लिया |
4. बिम्बिसार ने राजगृह का निर्माण कर उसे अपनी राजधानी बनाया |
5. बिम्बिसार ने मगध पर करीब 52 वर्षो तक शासन किया |
6. महात्मा बुद्ध की सेवा में बिम्बिसार ने राजवैघ जीवक को भेजा | अवन्ति के राजा प्रघोत जब पाण्डु रोग से ग्रसित थे उस समय भी बिम्बिसार ने जीवक को उनकी सेवा -सुश्रुषा के लिए भेजा था |
7. बिम्बिसार वैवाहिक सम्बन्ध स्थापित कर अपने साम्राज्य का विस्तार किया | इसने कोशला नरेश प्रसेनजित की बहन महाकोशला से ,वैशाली के चेटक की पुत्री चेल्लना से मद्र (आधुनिक पंजाब )की राजकुमारी क्षेमा से शादी की |
8. बिम्बिसार की हत्या उसके पुत्र अजातशत्रु ने कर दी और वह 493 ईसा पूर्व में मगध की गद्दी पर बैठा |
9. अजातशत्रु का नाम कुणिक था |
10. वह प्रारम्भ में जैनधर्म का अनुयायी था |
11. अजातशत्रु ने 32 वर्षो तक मगध पर शासन किया |
12. अजातशत्रु के सुयोग्य का नाम वर्षकार (वरस्कार )था | इसी की सहायता से अजातशत्रु ने वैशाली पर विजय प्राप्त की |
13. 461 ई. पूर्व में अपने पिता की हत्या कर उदयिन मगध की गद्दी पर बैठा |
14. उदायिन ने पाटिलग्राम की स्थापना की | वह जैनधर्म का अनुयायी था |
15. हर्यक वंश का अंतिम राजा उदायिन का पुत्र नागदशक था |
16. नागदशक को उसके अमात्य शिशुनाग ने 412 ईसा पूर्व में अपदस्थ करके मगध पर शिशुनाग वंश की स्थापना की |
17.शिशुनाग ने अपनी राजधानी पाटिलपुत्र से हटाकर वैशाली में स्थापित की |
18. शिशुनाग का उत्तराधिकारी कालाशोक पुनः राजधानी को पाटिलपुत्र ले गया |
19. शिशुनाग वंश का अंतिम राजा नन्दिवर्धन था |
20. नंदवंश का संस्थापक महापद्मनंद था |
21. नंदवंश का अंतिम शासक घनानंद था | यह सिकंदर का समकालीन था | इसे चन्द्रगुप्त मौर्य ने युद्ध में पराजित किया और मगध पर एक नए वंश 'मौर्य वंश' की स्थापना की |
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