भारतीय संविधान की अनुसूची
भारतीय संविधान की अनुसूची
प्रथम अनुसूची :इसमें भारतीय संघ के घटक राज्यों (29 राज्य )एवं संघशासित (सात )क्षेत्रो का उल्लेख है |

द्वितीय अनुसूची :इसमें भारतीय राज -व्यवस्था के विभिन्न पदाधिकारियों (राष्ट्रपति ,राज्यपाल ,लोकसभा के अध्यक्ष और उपाध्यक्ष ,राज्य सभा के सभापति एवं उपसभापति ,विधानसभा के अध्यक्ष और उपाध्यक्ष ,विधान परिषद के सभापति एवं उपसभापति ,उच्चतम न्यायाधीशों और भारत नियंत्रक महालेखा परीक्षक आदि ) को प्राप्त होने वाले वेतन ,भत्ते और पेंशन आदि का उल्लेख किया गया है |
तृतीय अनुसूची :इसमें विभिन्न पदाधिकारियों (मंत्री ,उच्चतम एवं उच्च न्यायालय के न्यायाधीशों )द्वारा पद -ग्रहण के समय ली जाने वाली शपथ का उल्लेख है |
चौथी अनुसूची :इसमें विभिन्न राज्यों तथा संघीय क्षेत्रो की राज्य सभा प्रतिनिधित्व का विवरण दिया गया है |
पाँचवी अनुसूची :इसमें विभिन्न अनुसूची क्षेत्रो और अनुसूचित जनजाति के प्रशासन और नियंत्रण बारे में उल्लेख है |
छठी अनुसूची :इसमें असम ,मेघालय ,त्रिपुरा और मिजोरम राज्यों के जनजाति क्षेत्रों प्रशासन के बारे में प्रावधान है
सातवीं अनुसूची :इसमें केंद्र एवं राज्यों के बीच शक्तियों के बटवारा के बारे में दिया गया है तथा इसी अनुसूची में सरकारों द्वारा शुल्क एवं कर लगाने के अधिकारों का उल्लेख है | इसके अंतर्गत तीन सूचियाँ है -संघ सूची ,राज्य सूची एवं समवर्ती सूची |
संघ सूची :इस सूची में दिये गए विषय पर केंद्र सरकार कानून बनाती है | संविधान के लागू होने के समय इसमें 97 विषय थे |
(वर्तमान में 100 विषय )
राज्य सूची :इस सूची में दिए गए विषय पर राज्य सरकार कानून बनाती है | राष्ट्रीय हित से सम्बंधित होने पर केंद्र सरकार भी कानून बना सकती है |
संविधान के लागू होने के समय इसके अंतर्गत 66 विषय थे | (वर्तमान में 61 विषय )
समवर्ती सूची :इसके अंतर्गत दिए गए विषय पर केंद्र एवं राज्य दोनों सरकारें कानून बना सकती है | परन्तु कानून के विषय समान होने पर केंद्र सरकार द्वारा बनाया गया कानून ही मान्य होता है | राज्य सरकार द्वारा बनाया गया कानून केंद्र सरकार के बनाने के साथ ही समाप्त हो जाता है |
संविधान के लागू होने के समय समवर्ती सूची में 47 विषय थे | (वर्तमान में 52 विषय )
आठवीं अनुसूची :इसमें भारत की 22 भाषाओ का उल्लेख किया गया है | मूल रूप से 8 वी अनुसूची में 14 भाषाएँ थी ,1967 ई. (21 वॉ संशोधन )में सिंधी को ,1992 ई. (71 वॉ संशोधन )में कोंकणी ,मणिपुरी तथा नेपाली को और 2003 ई. (92 वॉ संशोधन )में मैथिली ,संथली ,डोगरी एवं बोडो को 8 वीं अनुसूची में शामिल किया गया |
नौवीं अनुसूची :संविधान में यह अनुसूची प्रथम संविधान संशोधन अधिनियम ,1951 ई. के द्वारा जोड़ी गई | इसके अंतर्गत राज्य द्वारा संपत्ति के अधिग्रहण की विधियों का उल्लेख किया गया है | इस अनुसूची में सम्मिलित विषयो को न्यायालय में चुनौती नहीं दी जा सकती है | वर्तमान में इस अनुसूची में 284 अधिनियम है |
दसवीं अनुसूची :यह संविधान में 52 वे संशोधन ,1985 ई. के द्वारा जोड़ी गई है | इसमें दल -बदल से सम्बंधित प्रावधानों का उल्लेख है |
ग्यारहवीं अनुसूची : यह अनुसूची संविधान में 73 वे संवैधानिक संशोधन (1933 )के द्वारा जोड़ी गयी है | इसमें पंचयतीराज संस्थाओ को कार्य करने के लिए 29 विषय प्रदान किये गए है |
बारहवीं अनुसूची : यह अनुसूची संविधान में 74 वे संवैधानिक संशोधन (1933 )के द्वारा जोड़ी गयी है | इसमें शहरी क्षेत्र की स्थानीय स्वशासन संस्थाओ को कार्य करने के लिए 18 विषय प्रदान किये गए है |
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www.gkrise .in
प्रथम अनुसूची :इसमें भारतीय संघ के घटक राज्यों (29 राज्य )एवं संघशासित (सात )क्षेत्रो का उल्लेख है |
द्वितीय अनुसूची :इसमें भारतीय राज -व्यवस्था के विभिन्न पदाधिकारियों (राष्ट्रपति ,राज्यपाल ,लोकसभा के अध्यक्ष और उपाध्यक्ष ,राज्य सभा के सभापति एवं उपसभापति ,विधानसभा के अध्यक्ष और उपाध्यक्ष ,विधान परिषद के सभापति एवं उपसभापति ,उच्चतम न्यायाधीशों और भारत नियंत्रक महालेखा परीक्षक आदि ) को प्राप्त होने वाले वेतन ,भत्ते और पेंशन आदि का उल्लेख किया गया है |
तृतीय अनुसूची :इसमें विभिन्न पदाधिकारियों (मंत्री ,उच्चतम एवं उच्च न्यायालय के न्यायाधीशों )द्वारा पद -ग्रहण के समय ली जाने वाली शपथ का उल्लेख है |
चौथी अनुसूची :इसमें विभिन्न राज्यों तथा संघीय क्षेत्रो की राज्य सभा प्रतिनिधित्व का विवरण दिया गया है |
पाँचवी अनुसूची :इसमें विभिन्न अनुसूची क्षेत्रो और अनुसूचित जनजाति के प्रशासन और नियंत्रण बारे में उल्लेख है |
छठी अनुसूची :इसमें असम ,मेघालय ,त्रिपुरा और मिजोरम राज्यों के जनजाति क्षेत्रों प्रशासन के बारे में प्रावधान है
सातवीं अनुसूची :इसमें केंद्र एवं राज्यों के बीच शक्तियों के बटवारा के बारे में दिया गया है तथा इसी अनुसूची में सरकारों द्वारा शुल्क एवं कर लगाने के अधिकारों का उल्लेख है | इसके अंतर्गत तीन सूचियाँ है -संघ सूची ,राज्य सूची एवं समवर्ती सूची |
संघ सूची :इस सूची में दिये गए विषय पर केंद्र सरकार कानून बनाती है | संविधान के लागू होने के समय इसमें 97 विषय थे |
(वर्तमान में 100 विषय )
राज्य सूची :इस सूची में दिए गए विषय पर राज्य सरकार कानून बनाती है | राष्ट्रीय हित से सम्बंधित होने पर केंद्र सरकार भी कानून बना सकती है |
संविधान के लागू होने के समय इसके अंतर्गत 66 विषय थे | (वर्तमान में 61 विषय )
समवर्ती सूची :इसके अंतर्गत दिए गए विषय पर केंद्र एवं राज्य दोनों सरकारें कानून बना सकती है | परन्तु कानून के विषय समान होने पर केंद्र सरकार द्वारा बनाया गया कानून ही मान्य होता है | राज्य सरकार द्वारा बनाया गया कानून केंद्र सरकार के बनाने के साथ ही समाप्त हो जाता है |
संविधान के लागू होने के समय समवर्ती सूची में 47 विषय थे | (वर्तमान में 52 विषय )
आठवीं अनुसूची :इसमें भारत की 22 भाषाओ का उल्लेख किया गया है | मूल रूप से 8 वी अनुसूची में 14 भाषाएँ थी ,1967 ई. (21 वॉ संशोधन )में सिंधी को ,1992 ई. (71 वॉ संशोधन )में कोंकणी ,मणिपुरी तथा नेपाली को और 2003 ई. (92 वॉ संशोधन )में मैथिली ,संथली ,डोगरी एवं बोडो को 8 वीं अनुसूची में शामिल किया गया |
नौवीं अनुसूची :संविधान में यह अनुसूची प्रथम संविधान संशोधन अधिनियम ,1951 ई. के द्वारा जोड़ी गई | इसके अंतर्गत राज्य द्वारा संपत्ति के अधिग्रहण की विधियों का उल्लेख किया गया है | इस अनुसूची में सम्मिलित विषयो को न्यायालय में चुनौती नहीं दी जा सकती है | वर्तमान में इस अनुसूची में 284 अधिनियम है |
दसवीं अनुसूची :यह संविधान में 52 वे संशोधन ,1985 ई. के द्वारा जोड़ी गई है | इसमें दल -बदल से सम्बंधित प्रावधानों का उल्लेख है |
ग्यारहवीं अनुसूची : यह अनुसूची संविधान में 73 वे संवैधानिक संशोधन (1933 )के द्वारा जोड़ी गयी है | इसमें पंचयतीराज संस्थाओ को कार्य करने के लिए 29 विषय प्रदान किये गए है |
बारहवीं अनुसूची : यह अनुसूची संविधान में 74 वे संवैधानिक संशोधन (1933 )के द्वारा जोड़ी गयी है | इसमें शहरी क्षेत्र की स्थानीय स्वशासन संस्थाओ को कार्य करने के लिए 18 विषय प्रदान किये गए है |
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