महमूद गज़नी के विषय में जानकारी
महमूद गज़नी के विषय में जानकारी

1. 932 ई. में अलप्तगीन नामक एक तुर्क सरदार गजनी साम्राज्य की स्थापना की , जिसकी राजधानी गजनी थी |
2. अलप्तगीन की मृत्यु के पश्चात कुछ समय तक गज़नी में पिरितिगीन ने शासक किया | इसी के शासनकाल (972 -977 )ई. में सर्वप्रथम भारत पर आक्रमण किया गया |
3. प्रथम तुर्क आक्रमण के समय पंजाब में शाही वंश का शासक जयपाल शासन कर रहा था |
4. अलप्तगीन का गुलाम तथा दामाद सुबुक्तगीन 977 ई. में गजनी की गद्दी पर बैठा |
5. महमूद गज़नी सुबुक्तगीन का पुत्र था , जिसका जन्म 1 नवम्बर ,971 ई. में हुआ था |
6. अपने पिता के काल में महमूद गज़नी खुरासान का शासक था |
7. महमूद गज़नी 27 वर्ष की अवस्था में 998 ई. में गद्दी पर बैठा |
8. बगदाद का खलीफा अल -आदिर बिल्लाह ने महमूद गज़नी के पद को मान्यता प्रदान करते हुए उसे 'यमीन -उद -दौला ' तथा 'यमीन -ऊल -मिल्लाह ' की उपाधि दी |
9. महमूद गज़नी ने भारत पर 17 बार आक्रमण किया |
10. महमूद गज़नी एक मूर्तिभंजक आक्रमणकारी था |
11. महमूद गज़नी ने भारत पर प्रथम आक्रमण 1000 ई. में किया तथा पेशावर के कुछ भागो पर अधिकार करके वह अपने देश लौट गया |
12. महमूद गज़नी ने 1001 ई. में शाही राजा जयपाल के विरूद्ध आक्रमण किया था | इसमें जयपाल की पराजय हुई थी |
13. महमूद गज़नी का 1008 ई. में नगर कोट के विरूद्ध हमले को मूर्तिवाद के विरूद्ध पहली महत्वपूर्ण जीत बतायी जाती है |
14. महमूद गज़नी ने थानेसर के चक्रस्वामिन की कांस्य निर्मित आदमकद प्रतिमा को गज़नी भेजकर रंगभूमि में रखवाया |
15. महमूद गज़नी का सबसे चर्चित आक्रमण 1025 ई. में सोमनाथ मंदिर (सौराष्ट्र ) पर हुआ | इस मंदिर की लूट में उसे करीब 20 लाख दीनार की सम्पत्ति हाथ लगी | सोमनाथ की रक्षा में सहायता करने के कारण अन्हिलवाड़ा के शासक पर महमूद ने आक्रमण किया |
16. सोमनाथ मंदिर लूट कर ले जाने के क्रम में महमूद पर जाटो ने आक्रमण किया था और कुछ संपत्ति लूट ली थी |
17. महमूद गज़नी का अंतिम भारतीय आक्रमण 1027 ई. में जाटो के विरूद्ध था |
18. 'सुल्तान ' की उपाधि धारण करने वाला प्रथम शासक महमूद गज़नी था |
19. महमूद गज़नी की मृत्यु 1030 ई. में हो गयी |
20. अलबरूनी ,फिरदौसी ,उत्बी ,फरुखी महमूद गज़नी के दरबार में रहते थे |
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