जहाँगीर (1605 -1627 ई.

                         जहाँगीर (1605 -1627 ई. 


MCQ Test: Jahangir (1605-1627) and his wife Nur jahan


अकबर का उत्तराधिकारी सलीम हुआ जो 24 अक्टूबर ,1605 ई. को नसीरुद्दीन मुहम्मद जहाँगीर बादशाही गाजी की उपाधि धारण कर गद्दी पर बैठा | 

जहाँगीर का जन्म 30 अगस्त ,1569 ई. को हुआ | 

जहाँगीर को न्याय की जंजीर  लिए याद किया जाता है | यह जंजीर सोने की बनी थी ,जो आगरा के किले के शाहबुर्ज एवं यमुना -तट पर स्थित पत्थर के खम्भे में लगवाई हुई थी | 

जहाँगीर द्वारा शुरू की गई 'तुजुक -ए -जहांगीरी 'नामक आत्मकथा को पूरा करने का श्रेय मौतबिंद खाँ को है | 

जहाँगीरके सबसे बने पुत्र खुसरो ने 1606 ई. में अपने पिता के विरूद्ध विद्रोह कर दिया | खुसरो और जहाँगीरकी सेना के बीच युद्ध जालंधर के निकट भैरावल नामक मैदान में हुआ | खुसरो को पकड़कर कैद डाल दिया गया | 

खुसरो की सहायता देने के कारण जहाँगीर ने सिक्खो के 5 वे गुरु से गोइंदवाल में मिला था | 

अहमदनगर के वजीर मालिक अम्बर के विरूद्ध सफलता से खुश होकर जहाँगीर  ने खुरम को शाहजहाँ की उपाधि प्रदान की | 

1622 ई. में कंधार  मुगलो के हाथ से निकल गया | शाह अब्बास ने इस पर अधिकार कर लिया | 

नूरजहां 
ईरान निवासी मिर्जा  पुत्री नूरजहां का वास्तविक नाम मेहरुन्निसा था | 
1594 ई. में नूरजहां का विवाह अलीकुली बेग से सम्पन्न हुआ जहाँगीर
ने एक शेर मारने के कारन अली कुली बेग को शेर अफगान  की  उपाधि प्रदान की 1607 ई. में शेर अफगान की मृत्यु के बाद मेहरुन्निसा अकबर की विधवा सलीमा बेगम की सेवा में नियुक्त हुई | सर्वप्रथम जहाँगीरने नवरोज त्यौहार के अवसर पर मेहरुन्निसा  देखा और उसके सौंदर्य पर मुग्ध होकर जहाँगीर ने मई  ,1611 ई. में उससे विवाह कर लिया | विवाह के पश्चात जहाँगीरने उसे नूरमहल एवं नूरजहां की उपाधि प्रदान की | नूरजहां के सिक्के जारी किए | 

जहाँगीर ने  गयास बेग को शाही दीवान बनाया एवं एतमाद -उद  -दौला की उपाधि  दी | 

लाड़ली बेगम शेर अफगान एवं मेहरुन्निसा की पुत्री थी ,जिसकी शादी जहाँगीर के पुत्र शहरयार के साथ हुई | 

नूरजहां की माँ अस्मत बेगम ने गुलाब से इत्र निकलने की विधि खोजी थी | 

जहाँगीरके पाँच पुत्र थे -1 . खुसरो  2. खुर्रम 3. शहरयार 4. जहांदारा 5. परवेज  

28 अक्टूबर 1627 ई. को भीमवार नामक स्थान पर जहाँगीर की मृत्यु हो गयी | उसे शहादरा में रावी नदी के किनारे दफनाया गया | 

जहाँगीर के दरबार के प्रमुख चित्रकार थे - आगा रजा, अबुल हसन ,उस्ताद मंसूर ,फारूख बेग ,मनोहर गोवर्धन ,मुहम्मद नासिर ,दौलत मुहम्मद मुराद ,विशनदास 

जहाँगीर ने आगा रजा के नेत्तृत्व में आगरा में एक चित्रणशाला की स्थापना की | 

उस्ताद मंसूर  एवं अबुल हसन को जहाँगीर ने क्रमशः नादिर -अल -उस एवं नदीरूज्जमा की उपाधि प्रदान की | इसने संस्कृत के कवि जगन्नाथ को पडितराज की दी | 

जहाँगीर के समय को चित्रकला का स्वर्ण काल कहा  जाता है | 

इतमाद -उद -दौला का मकबरा 1626 ई. में नूरजहां बेगम ने बनवाया | 

जहाँगीर के मकबरे का निर्माण नूरजहां ने करवाया था | 


....................................................................................................


                   
 www.gkrise.in


Comments

Popular posts from this blog

सामान्य ज्ञान (जीव - जंतु विज्ञान )

विश्व प्रसिद्ध जलसंधियाँ(सामान्य ज्ञान)

उत्तर प्रदेश का सामन्य परिचय / उत्तर प्रदेश के बारे में सब कुछ जाने , प्रदेश , सरकार शहर / Know Every Thing About Uttar Pradesh in hindi

सामान्य ज्ञान ( भारत में सर्वप्रथम )