प्राचीन भारत
प्राचीन भारत के इतिहास पर आधरित
पाषाण काल
(१) पाषाण काल को तीन भागो में बाटा गया है -पुरापाषाण काल ,मध्यपाषाण काल तथा नवपाषाणकाल
(२)नवपाषाण काल में मनुष्य की जीविका का मुख्य आधार शिकार था। इस काल को अखेटक तथा खाद्य -संग्राहक काल भी कहा जाता है।
(३) लगभग ३६००० ई. पू. में आधुनिक मानव पहली बार अस्तित्व में आया। आधुनिक मानव को 'होमो -सोपियन भी कहा जाता है।
(४)मानव द्वारा प्रथम पालतू पशु कुत्ता था ,जिसे मध्य पाषाण काल में पालतू बनाया गया।
(५)आग की जानकारी मानव को पुरापाषाण काल से ही थी ,किन्तु इसका प्रयोग नवपाषाण काल से प्रारम्भ
हुआ था।
(६) नवपाषाण काल से मानव ने कृषि -कार्य प्रारम्भ किया, जिससे उसमे स्थायी निवास की प्रवत्ति विकसित हुई।
(७) भारत में पाषाणकालीन सभ्यता का अनुसंधान सर्वप्रथम राबर्ट ब्रूस फुट ने 1863 ई. में प्रारम्भ किया
(८) भारत में व्यवस्थित कृषि का पहला साक्ष्य मेहरगढ़ से प्राप्त हुआ है।
(९ ) बिहार के चिरांद नामक नवपाषाण कालीन स्थल से हड्डी के औजार मिले है
(१० )पाषाण काल के तीनो चरणों का साक्ष्य बेलन घाटी इलाहाबाद से प्राप्त हुआ है।
(११ ) औजारों में प्रयुक्त की जाने वाली पहली धातु तांबा थी तथा इस धातु का ज्ञान मनुष्य को सर्वप्रथम हुआ।
(१२ ) चावल की खेती का प्राचीनतम साक्ष्य कोल्डीहवा (इलाहाबाद ) से पाया गया है। पहिये का अविष्कार नवपाषाण काल हुआ।
१३ ) सर्वप्रथम 1921 ई. में रायबहादूर दयाराम साहनी ने तत्कालीन भारतीय पुरातत्व विभाग के निदेशक सर जॉन मार्शल के नेतृत्व में हड़प्पा नामक स्थल की खुदाई कर इस सभ्यता की खोज की।
(१४ ) हड़प्पा के पश्चात 1922 ई. में राखालदास बनर्जी ने मोहनजोदङो नामक स्थल की खोज की।
(१५ )भारत में सर्वाधिक सैंधव स्थल गुजरात में पाए गए है।
(१७ ) मोहनजोदङो को 'मृतकों का टीला ' भी कहा जाता है।
(१८ ) कालीबंगा का अर्थ 'काले रंग की चुडिया 'होता है।
(१९) माप -तौल की इकाई सम्भवतः 16 के अनुपात में थी।
(२०) हड़प्पा सभ्यता में प्रशासन सम्भवतः वणिक वर्ग द्वारा चलाया जाता था।
(२१ ) इस काल में मंदिर के अवशेष नहीं मिले है।
(२२ ) मुहरे अधिकांशतः सेलखड़ी की बनी होती थी।
(२३ )हड़प्पा सभ्यता में शवों को दफनाने एवं जलाने की प्रथा प्रचलित थी।
(२४ ) हड़प्पा सभ्यता का समाज मातृसत्तात्मक था।
(२५ )हड़प्पा सभ्यता के आर्थिक जीवन का मुख्य आधार कृषि था।
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पाषाण काल
(१) पाषाण काल को तीन भागो में बाटा गया है -पुरापाषाण काल ,मध्यपाषाण काल तथा नवपाषाणकाल
(२)नवपाषाण काल में मनुष्य की जीविका का मुख्य आधार शिकार था। इस काल को अखेटक तथा खाद्य -संग्राहक काल भी कहा जाता है।
(३) लगभग ३६००० ई. पू. में आधुनिक मानव पहली बार अस्तित्व में आया। आधुनिक मानव को 'होमो -सोपियन भी कहा जाता है।
(४)मानव द्वारा प्रथम पालतू पशु कुत्ता था ,जिसे मध्य पाषाण काल में पालतू बनाया गया।
(५)आग की जानकारी मानव को पुरापाषाण काल से ही थी ,किन्तु इसका प्रयोग नवपाषाण काल से प्रारम्भ
हुआ था।
(६) नवपाषाण काल से मानव ने कृषि -कार्य प्रारम्भ किया, जिससे उसमे स्थायी निवास की प्रवत्ति विकसित हुई।
(७) भारत में पाषाणकालीन सभ्यता का अनुसंधान सर्वप्रथम राबर्ट ब्रूस फुट ने 1863 ई. में प्रारम्भ किया
(८) भारत में व्यवस्थित कृषि का पहला साक्ष्य मेहरगढ़ से प्राप्त हुआ है।
(९ ) बिहार के चिरांद नामक नवपाषाण कालीन स्थल से हड्डी के औजार मिले है
(१० )पाषाण काल के तीनो चरणों का साक्ष्य बेलन घाटी इलाहाबाद से प्राप्त हुआ है।
(११ ) औजारों में प्रयुक्त की जाने वाली पहली धातु तांबा थी तथा इस धातु का ज्ञान मनुष्य को सर्वप्रथम हुआ।
(१२ ) चावल की खेती का प्राचीनतम साक्ष्य कोल्डीहवा (इलाहाबाद ) से पाया गया है। पहिये का अविष्कार नवपाषाण काल हुआ।
१३ ) सर्वप्रथम 1921 ई. में रायबहादूर दयाराम साहनी ने तत्कालीन भारतीय पुरातत्व विभाग के निदेशक सर जॉन मार्शल के नेतृत्व में हड़प्पा नामक स्थल की खुदाई कर इस सभ्यता की खोज की।
(१४ ) हड़प्पा के पश्चात 1922 ई. में राखालदास बनर्जी ने मोहनजोदङो नामक स्थल की खोज की।
(१५ )भारत में सर्वाधिक सैंधव स्थल गुजरात में पाए गए है।
(१७ ) मोहनजोदङो को 'मृतकों का टीला ' भी कहा जाता है।
(१८ ) कालीबंगा का अर्थ 'काले रंग की चुडिया 'होता है।
(१९) माप -तौल की इकाई सम्भवतः 16 के अनुपात में थी।
(२०) हड़प्पा सभ्यता में प्रशासन सम्भवतः वणिक वर्ग द्वारा चलाया जाता था।
(२१ ) इस काल में मंदिर के अवशेष नहीं मिले है।
(२२ ) मुहरे अधिकांशतः सेलखड़ी की बनी होती थी।
(२३ )हड़प्पा सभ्यता में शवों को दफनाने एवं जलाने की प्रथा प्रचलित थी।
(२४ ) हड़प्पा सभ्यता का समाज मातृसत्तात्मक था।
(२५ )हड़प्पा सभ्यता के आर्थिक जीवन का मुख्य आधार कृषि था।
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