भारतीय राष्ट्रवाद




 भारतीय राष्ट्रवाद के प्रमुख बिंदू


फरवरी 1910 में अरविन्द घोष ने राजनीति से सन्यास लेकर पांडिचेरी में अपना आश्रम बना लिया। 

12 दिसंबर 1911  को सम्राट जार्ज पंचम ने बंगाल विभाजन को रद्द घोषित किया। 

1 अप्रैल 1912 को दिल्ली को कलकत्ता की जगह भारत की नई  राजधानी बनाया गया। 

मुस्लिम लीग के लखनऊ अधिवेशन ( 1913 ) में पहली बार स्वशासन को राष्ट्रिय लक्ष्य स्वीकार किया गया। 

16 जून 1914 को मांडले जेल से 6 साल की लम्बी सजा के बाद टिळक भारत लौटे। 

7 जून 1916 को लन्दन में इंडियन होमरूल लीग की स्थापना की गई। 

अक्टूबर 1915 में लाला लाजपत राय  की अध्यक्षता में अमेरिका में होमरूल लीग की स्थापना हुई। 

हकीम अजमल खान, मोह्हमद अली, हसन इमाम, मौलाना अब्दुल कलाम, आजाद आदि अहरार  हुए थे। 

         राष्ट्रवादी नेता तिलक और गाँधी जी ने युद्ध के दिनों में सरकार की सहायता हेतु धन और सेना के लिए सिपाही की ब्यवस्था करने के लिए गांवों का दौरा किया। 
 
गोपाल कृष्णा गोखले द्वारा स्थापित, 'सर्वेंट्स ऑफ इंडिया सोसाइटी' के सदस्यों को होमरूल लीग में प्रवेश की अनुमति नहीं थी। 

1918 में सुरेंद्र नाथ बनर्जी ने कांग्रेस से अलग होकर  'अखिल भारतीय उदारवादी संघ' की स्थापना की।

 तिलक ने लखनऊ अधिवेशन में प्रस्ताव  रखा की कांग्रेस के निर्णयों एवं कार्यक्रमों को अमलीय रूप देने के लिए एक कार्यकारिणी का गठन किया जाये।


होमरूल लीग क्या है ? 


होमरूल लीग एक आंदोलन है, जो भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के इतिहास में प्रथम अखिल  भारतीय जान आंदोलन था।  जिसका नेतृत्व लोकमान्य तिलक एवं श्रीमती एनीबेसेन्ट द्वारा किया गया।

Comments

Popular posts from this blog

सामान्य ज्ञान (जीव - जंतु विज्ञान )

विश्व प्रसिद्ध जलसंधियाँ(सामान्य ज्ञान)

उत्तर प्रदेश का सामन्य परिचय / उत्तर प्रदेश के बारे में सब कुछ जाने , प्रदेश , सरकार शहर / Know Every Thing About Uttar Pradesh in hindi

सामान्य ज्ञान ( भारत में सर्वप्रथम )