आत्म चिंतन

प्रातः आत्म चिंतन प्रत्येक प्राणी (मनुष्य ) को चाहिए कि वह प्रातः आत्म चिंतन करे कि वह आज किसी दूसरे के लिए कोई एक ऐसा कार्य करेगा कि उसकी वजह से दूसरा खुश हो सके परन्तु यह याद रखना चाहिए कि वह स्वयं का कोई कार्य न बिगाड़े क्योंकि स्वयं का कार्य बिगड़ने पर कोई भी दूसरे के हित की बात सोच नहीं सकता है। यदि सोचता भी है तो वह सुकून नहीं दे सकता है जिस चिंतन से उसने किसी के लिए कार्य किया है। 🙏🙏🙏🙏🙏 समस्त प्रिय जानो को सूचित किया जाता है कि प्रत्येक दिन प्रातः 5 बजे एक आत्म सात करने की पोस्ट अवश्य होगी।